बुधवार, 12 मई 2010

KAB DOGE FAANSI?

अफ़जल को फांसी मिले, कहते हैं सब लोग,
कुछ कहते हैं ना मिले, बहके हैं अब लोग
बहके हैं अब लोग, ये कैसा खेल चल रहा
नेताओं का वोट के खातिर, मेल चल रहा
कहें 'शलभ'कविराय, होती गर रानी झाँसी
कब की हो जाती, अफ़जल जैसों को फांसी
Dr.Rohitshyam Chaturvedi "Shalabh"

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