शनिवार, 6 सितंबर 2014

बहिष्कार

बहिष्कार का सीधा-साधा अर्थ यह है कि जिससे हम लड़ना
नहीं चाहते या जिससे जीत पाना थोड़ा मुश्किल हो उस से
किसी भी प्रकार की सहायता लेने-देने पर प्रतिबन्ध लगाना।    
बहिष्कार का यह सफल फार्मूला अपने सीधे-साधे ,किन्तु
चतुर बुद्धिमान लद्दाखी भाई अपनाकर सफल भी रहे हैं.
पंडितो को कश्मीर से भगा देने के बाद दूसरे सभी हिन्दुओं
को भगा कर कश्मीर का मुस्लिम करण करके पाकिस्तान
में मिलाने की साज़िश थी|किन्तु लद्दाखियों ने न तीर चलाये,
न तलवार उठाई,न ट्वीट किया न किसी से सहायता के लिए
आवाज़ लगाई,केवल वहाँ रहने वाले तमाम मुस्लिमों का
आर्थिक,सामाजिक बहिष्कार कर दिया।चार दिन में अक्ल
ठिकाने आ गई,तत्कालीन प्रधान-मंत्री श्री नरसिंहारावजी की
मध्यस्थता में जब वहां के मुसल-मानों द्वारा भविष्य में
गड़बड़ न करने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही बहिष्कार
ख़त्म किया. आजतक किसी ने मुस्लिम-बौद्ध के बीच साम्प्रदायिक
दंगों के बारे में कभी सुना? बापू की पूजा करने वालों ने उनके
बहिष्कार रूपी शस्त्र  को अपनाया होता तो न गुजरात,न मुजफ़्फ़र
नगर,न मेरठ न सहारनपुर.
चीन तो सर पर पाँव रख कर ऐसा भागेगा कि दुनिया में कहीं नजर ही
नहीं आएगा। अच्छा तो चलो खेलें " बहिष्कार-बहिष्कार "
शुभस्य शीघ्रम,शीघ्रम,शीघ्रम।


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